प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एक public sector bank द्वारा प्रायोजित होती है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के संबंध में एक प्रायोजक बैंक एक ऐसा बैंक होती है जो gramin bank को sponsor करती है। हर प्रायोजक बैंक का कर्तव्य होता है की वह जिस भी ग्रामीण बैंक को sponsor कर रही है उसे दिशा दिखाए और सहायता करे।

उदाहरण के लिए निचे दिए गए दो ग्रामीण बैंको को लें:

Gramin Bank NameStateSponsor BankWebsite
Arunachal Pradesh Rural BankArunachal PradeshState Bank of India#
Aryavart BankUttar PradeshBank of Indiawebsite link

एक प्रायोजक बैंक ग्रामीण बैंक को निम्लिखित तरीको में मदद करता है:

  • प्रबंधकीय और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कर्मियों को प्रशिक्षण करवाना।
  • ग्रामीण बैंक को प्रबंधकीय और वित्तीय सहायता प्रदान करना।

Sponsor bank एक gramin bank के पहले 5 वर्षों के दौरान प्रबंधकीय (staff) और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वही केंद्र सरकार या तो अपने प्रस्ताव पर या NABARD की सिफारिशों पर इस अवधि को और 3 साल बढ़ा सकती है।

हमे यह भी जानना महत्पूर्ण है की, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अधिकृत पूंजी 5 करोड़ रुपये होती है जिसका योगदान केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है और जिसे 50:15:35 के हिस्सेदारी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक में बाटें जाते है।