इस article में EMI क्या होता है, बैंक से लोन लेते समय हमें interest के साथ कितना EMI देना होगा सबकुछ समझाया गया है। EMI का जानकारी hone पर हम यह बेहतर तरीके से निर्णय कर पातें हैं की कौन सा लोन किस ब्याजदर पर लेना सही होगा या नहीं।

EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है। जिस भी बैंक से हम लोन लेते है, चाहे वो होम लोन हो या education लोन, उसे चुकाने के लिए हर महीने हमें कुछ रकम बैंक को देना होता है, जिसमे EMI और बयाज जुड़े होते है।

इस रकम से अगर हम ब्याज को घटा दे तो जो रकम बचेगा, उसे EMI माना जायेगा। EMI जमा करने से लोन का रकम घटता हैं, वही ब्याज लोन के रकम पर हिसाब कर निकला जाता हैं।

बैंक का मुख्य उद्देश्य हमसे ब्याज लेना होता है, EMI हम जमा कर रहे या नहीं यह पूरी तरह से हमपर निर्भर करता है। अगर हम EMI न जमा करें तो लोन amount वही का वही रहेगा, वह घटेगा नहीं। लोन की रकम को घटाने के लिए हमें monthly installment (EMI) बैंक को देना होता है।

हम जितना जल्दी EMI जमा करते है हमें उतना की कम ब्याज बैंक को देना होता, ऐसा इसलिए क्योकि EMI जमा करने पर लोन amount घटता है और लोन amount घटने पर उसपे लगने वाला ब्याज भी कम हो जाता है।

उदाहरण के लिए मान लीजिये आपने किसी बैंक से 10,000 रुपऐ का लोन 10% के दर पर लिया है। अगर आप अपने लोन के राशि पर लगने वाले ब्याज हो हटा कर बैंक को हर माह 1,000 रुपऐ देतें हैं तो आपको लोन चुकाने में कुल 10 महीने लगेंगें।

EMI कैसे तय होता है?

EMI का रकम बैंक तय करती है, इसके लिए बैंक हमसे कुछ जानकारी लेती है, जैसे की हमारी आमदनी, इत्यादि। इस जानकारी के बुनियाद पर बैंक हमें ये बताती है की हर महीने हमें कम से कम हमें कितना EMI + ब्याज देना होगा।

EMI आमतौर पर निम्नलिखित विषयो पर निर्धारित की जाती है:

  1. मूल राशि
  2. इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर)
  3. लोन का समय
  4. महीना/साल विश्राम अवधी

EMI और ब्याज के उदाहरण

EMI और ब्याज में उल्टा संबंध होता है। जैसे जैसे हम EMI भरतें जायेंगें वैसे वैसे हमारा ब्याज भी कम होता जयेगा।

ऐसा इसलिए होता है क्योकि EMI हमरा मूल राशि को कम करता है जिसपर ब्याज निर्धारित होता है। समय के साथ मूल राशि कम होने पर उसी ब्याज दर पर ब्याज भी कम होने लगते हैं।

EMI के अलावा हम इकठ्ठा रकम जमा कर लोन का मूल राशि कम कर सकतें हैं।

उदाहरण के लिए, अगर हम 1 लाख का लोन 9.5% ब्याज दर पर लेते है और एक साल के अंदर लोन समाप्त करना चाहतें हैं, तो कुल ब्याज निचे दिए गए टेबल के बराबर होगा।

EMI for 1 year

निष्कर्ष

EMI को Equated Monthly Installment कहा जाता है। यह वो रकम है जो लिए जाने वाले लोन के मूल राशि को कम करने के लिए बैंक को हर महीनें दिया जाता है।

EMI और ब्याज दोनों अलग होते है। हर महीने जो रकम हम लोन के लिए चुकातें हैं उसमे EMI+ब्याज दोनों जुड़े होतें हैं।